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• माम सोपाम संभाग स कारनी, विक्ट भव कोटि भय पीरूप बारसे नमन रवि विज जिम बिसम बम नाम अब सिरिवीर जिम सुगम भासासमों
अथक दुइ नाप र पवर वरपरो भर्विय जण मोर मम पम पमोयंकरो. संसारका वर्णन देखिए
• अपावरि मारि कागद फिरता सहिया दोष बसि इमाणे मई महा बिके कई आपली बार हीपी बट्टार्म नी भाडि मिन डीपी वन रामि रावळ वर्ष मणि मालग इवतात न मवि रित्ता बार मिली म भावर्ति पडिउ न को वहरि पली बीमार म देव बोसा, म के पाप पोसा, न मास सोचा, मते मर्म कोडा
देव हे एक नई लगार भरे मोहणी कर्म करेउ विकार
श्री बीवराम विनंती
रचना प्रकाश्चित है। वीतराग महापुरुषों के आदर्शों की इसमें स्तुति की गई है। रचनाकार जयमागर है। १५ गाधाओं में कवि ने पूरी विनती समाप्त की है। बीनती, बिनति, विनति बीमंत्री बारों प्रकार की रचनाएं वास्तव में सी प्रकार की मारम देटिक • मुभा विजयण यम बाडा. सब को मिा नाटा
क्नो पाकि माला भाग पूमा बबा कोहि परि तोटिनू पासिमित मच कान में भाग गी बन्न दिनी गाज जिम पदिमागी तको लाता मानुष बमबार,यापार बार करिम कारीबार
पाप भाग बबर को भार कौलमा बपियो
मनापासहनि आधार हूँ भाव मैत्र महापार र निवीन कुम्हारे बने मानिस मक्तिलीनर मा बिको न विना वितश्या नहीं मारी बात र बात भिवया पर देव भक्ति मोला न दावि मह राशि संसारि रोल