________________
८१४
माउ न पूजिय बनि कुल देव, अजब न पण वेणिया ।
अज्जयि पिंड पराविम मेय,मत दिनिय पढम मिहा (४) काव्य की दृष्टि में उत्कृष्ट उदाहरण पसर्थ इष्टस्य बिका अपने दोनों बच्चों को लेकर जंगल में निकल जाती है तथा उसके पुण्य के प्रभाव को पूर्वभव का प्य देकर कवि मेदेवी के रूप में समाज में उसकी स्थापना की है:
अदिमि दीन बर मणिग, सबमि पषि नियु अनुसारित तत्व पावर पाणवि धगि पुह भाषियी कि नजिउ सिणि
बह माडि वि पि उपन्न सोहम बलि चतु जोयणि मोपात्र दानि प्रभाबि रफ्न, विक देशिय ना मिलन अविणि वनिय जिपातहिबि, मोबन ताल कबोल धिव
हिहि कप प पडिब विकेविमोतियमामिक देवि साइव देसिवि विम्हिय ताम, 'विइ बहुम सलक्सकिय मण पछताविय यह सोम, अहि व्यालउ स कर (२०)
साभिम नेमि जिनिवडfra, विक मामि देमिय मंध इत्व दापि सुपरिष निवड गिरि मिरनार सिरि सीसि बार मषि कुंडा का गेड मोबिय हार मग डिक करि कम इन्नि पाहि र मी वा वारा तोवर भैरव में बोस विना देवि दुई
एक चि शिविपरि बाबा वह विडम्वधरा (४) इस प्रकार कवि ने अम्विका की देवी के इस में प्रभासा कर वी सामाजिक इटिपी विधार करने पर इस रचना के हत्कालीन समाज के पारिवारिक गोटे क्रूडो बारा कितने जमर्थ हो सकने में यह प्रतिपासित हो जाता है। पूरी रचना कटना प्रधान क्या काव्य है में कवि ममल वाक्यों में काम