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से एक जम्मू कमी विषय चरित काव्य पर पहले विचार किया जा चुका है। जम्बूसामित्व २१ वस्तु छन्दों में लिखी गई है। अतः पूरी रचना छेद
प्रधान है।
प्रारम्भ में कवि ने नमस्कार आदि की पद्धति का प्रयोग न कर एकदम काव्य प्रारम्भ कर दिया है। स्वान जम्बूकुमार विविध आभूषणों से इसब्जित विवाइ कर आ जाते है कवि ने यहीं से रचना का प्रारम्भ किया है। रचनाकार ने
जम्बूस्वामी के इससे पूर्व के चरित पर आंशिक भी प्रकाश नहीं डाला। कवि केडी
कुण्डलवर हार
tige rate विविध मंग सिंगार पावहिं
परिने गर क वहि अरु पवक मंगल यरिहिं
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(२)
जम्बूस्वामी के आव जीवन के आधार पर कवि ने नश्वर संसार की कथा को विविध freeree great द्वारा स्पष्ट किया है।कथा सूत्र इन दृष्टान्तों में
स्थल है। कथा के माध्यम से कवि ने जैन दर्शन के कठिन सिधान्तों को जन लम बताना है। जम्बूस्वामी राज के वेति भारत या पारिषि के पतियों की बात मानों
दि
के अनुरोध से इन्हें नगर के चमसेना, कनकसेना, नामला, ली,
और मानती विवाह करना
नामक चोर ने अपने ५०० शिष्यों
पड़ा। उनके क्रेन में होने के द्वारा ११ कोटि स्वर्ग मिला जैसा कि पद है ट है को पर में चोरी करने को प्रवेश किया। पर faar और उसकी
म्यू स्वामी के तप ने उसे
कर
हुई
स्वामी के इस प्रभाव के
कारण वह भी १०० बीवित हो गया। रचना में कवि ने प्रत्येक लीको प्रस्तुत किया है। भाषा की प्राचीनता, काव्य को दाना या सत्यका उपयोग और काव्य का प्रवाह रचना की विशेषता है। उदाहरणार्थ उत्कृष्ट पवों को मतदर्थ देखा जा सकता है: