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६- माथा
इन रचनावों पर क्रमशः भागे प्रकाश डाला जायगा। (20 विषय प्रधान:- दूसरा नापार है विषय के अनुसार कवियों के वर्गीकरण कााइनमें छन्दों से इतर केवल माना किसी भी छन्द विशेष में, विषय का विवेचन करने वाली अनेक रचनाएं लिखी गई है। जिनका नामकरण हान्दों के माधार पर नहीं होकर शिल्प के आधार पर किया गया है। ऐसी रमाओं का वर्गीकरण निम्नाकित वो किया जा सकता है:
विषय प्रधान रचनाएं ..
नीतिप्रधान
पारस्परिक
१-बारहमासा
१.स्था
परम्परामेबार हुए
१- बीवन संबंधी - बाबा संबंधी - महात्म्य बन ४- महान वर्णन ५- बीवा बन
.और
वार्षिक बनानों नाबादी
५-
मावि
पति
-बीमोड्वार वन ८- वैल्य परिपाठी
गत व र्गक पाने वाले इन विविध रमा गरों में प्रतिनिधि
नाएं जो साहित्य के संकल्प किसी कई बार मिलने काव्य सौष्ठव पर संदेष