________________
संचित तप के प्रभाव से राजा हुआ व में निर्वाण को प्राप्त हुआ। कथा संक्षेप में यही है।
क्या को देखते हुए यह कहा जासकता है कि प्रस्तुत काव्य घटना प्रधान प्रेम काव्य है। काव्य में घटनाओं के तीन बड़े मोड़ है जो काव्य में कौतूहल का समावेश करते है वे है:.) राजकुमारी का लम्न श्रीवल्प के साथ अंधेरे में होना वट पर बैठकर
'निकलक्षा।
काश्मीर के लेख का पढ़कर प्रधान बनना तथा ) राजकुमारी व कुमारी का नृत्य बाइय आयोजन ब राजा का मेव आदि
लेना तथा दोनों का पुनर्मिलन आदि। कवि ने मंगलाचरण से ही काव्यप्रारम्भ किया है:
पहिल पगामिय पढम जिलेसर सिजय अवतार हधिमा उरि श्री काति जिणेसर बलि नेमिकुमार जीराउली पुरि पास जिनेसर माउरि वद्धमान
कामीर परि भरसति सामिपि छिम नि वरदान कवि की भाषा का प्रवाह व सरलता उल्लेखनीय है:
सख परिनल म्यारि निरोषम परियार बीड बंधव नाम मरिख इदिन गुपयार बीस किन साबर बामर जिम मैमीर बात षब पि नसागर गरब बस धीर एक दिवस मारि मंद सालि खा रमि वापि गोगाव्या किम परिमार घरेमिक अंगि पटि का बोब्बई परि मांडिस हाट नीद मौजा प्रकाशन पूरीष बावित सोवान पाट श्रीस मोड़ पर मोक गायि बाड सामोसा सक्षित बानी युमि मा मोरी बात