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पदमिनी नवयौवना नवरंगी अंगि मुरंगीय नारि रे कपि अनोपम जनम मोडई मोहई सह श्रृंगारि रे सोहई सयल सिंगारि बेणि उरग अनुकारि सिरिपरि राषडी ए रवन हीरे वही ए
उरवरि हार एकावली कावठी कननी हाथि, रजन गण अणु मलाईए बलाई प मेला माथि रमिकिमि रमका नेउर देर रसिल प्रालि ने मिलर नवि पीजह ए कीजइ ए ते सहू मालि भरकलडे मन सोडई ए खोडई ए पुरनर ईव, लोपनि चि चमकावई प बदनि हराकई एड वेषवयन सबि बोलई प डोला र पुचतुर नरिव देगी परमेव मानिन मानिनिई चिणि
हामी घोड़ो'
बलई माधव मास, माधव की मोपी मिली वाली लोपी लाज सबै नये राति रमई कामी प्रतिई मूलबह बोलई बोल सकाम बाम नबनी ती निसरी काममी
की लोक कहां सही अमिनबी ए देवनी मोहिनी कवि का बारता वर्षन मी अनूठा है। पदों का काम अगाडिक सहित काव्यों का उल्लासपूर्ण वर्षन इष्टस्य :
बामा मानसिक पET मा गदिई भागला शराबा सिप विस्या दीसई ने रजता ही बर मीलडारीडा मंगाका मामला हे गायबरया परवरमा देवीकारे बदमा