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(४) साठ गापा जिन धर्म मागों मनि जुषण लाइ विरागो
गंमानन्दषु परिवार (4) प अमारा कुल सिणारी, सामी अer मारी
कक वसा केरल मंडराव करेगानंदम् । (१) इथिमा उरि परि र नरि मेरो कुल मंड
सहचिहि संतुहाग पीला नरबा सेन्ड () जनम महोण्य परकर बाबा अपर बाल
इंडहि वाया गयणबहे घर मिहि ताल कमाल (6) मिस दीपा दरबोधनि भीमह पोजन माहि,
बमुख हुइना परिणापि पुन्निहि इरिख पुकार (९) अरजुन बोल रे बकुलीन बरन मिति मीन
विगुरि पियरि देव विला. पंडव वणवाड (.) रे राम पु भागलि बाल मारिषि उरत पूगर काल वा मासिालीम हिन्दी भाषा का स्त्रीय म धीरे धीरे सिरा किन किस गइयों
नहा गया उन अब नोटों की बना इस उपाय हो जाती राखावाब पान्योतिर प्रकाश डाला। शिरिस कवि meeी माया :
की दो मा यो गुगल सर
मिन सीता नापि .
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कमिली शिल्प और भाषा की दृष्टिक गान्टा वाया।