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गावी वस्तुतः अनेकान्त या स्यावाद का मारा सिप वैशिष्ट्य उसके मन्त भंगी स्वम देखा गया है। मेवात को समय से बैन हिन्दी कलियों को सपने में पर्याप्त सहायता मिलती है।
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मिसा मानब अपने जीवन को कासेमा वा । a frre प्रमियाना मनुष्य को अपना पाहिए। जैन कवियों की या विषया को दी तक किया नमी देवी मां । विविध मियानी प्रयोग बोदलावों को स्किन परागित र जैन कवियों में स्वयं को रस्सा लिया बमा न पर्व और वन का मूल और 4 कलियों न करिबीमबारोको मामेक बर्मन EिTra affarnाला।
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माहिती पावः बास्ति यशामा अस्थि-माति,
बागबाट मामः नासिबभ्यत प ति -गा -vara
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