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श्री मगनलाल जी, 'कमल'
आप एक उदीयमान प्रतिभाशाली कवि हैं। आपका निवास स्थान शाढौरा (ग्वालियर राज्य) है।
'कमल'जी वाल्यावस्थासे ही कवि-कर्ममें संलग्न हैं। अपनी अन्तर्वेदनासे प्रेरित होकर ही आप अपने कर्ममें प्रवृत्त होते हैं। यही कारण है जो "बाहोंके हैं प्राघात, प्रिये" लिखनेके लिए आपको क़लम सहज भावसे चल पड़ती है।
आशा है, एक दिन यह कवि-कलिका अपने सुवाससे साहित्यके उद्यानको अवश्यमेव सुवासित करेगी।
जौहरकी राय .
आज हृदयमें प्यार कहाँ है ? दलित, पतित, कुचले जीवनका ही सूना संसार यहाँ है ।
- आज हृदयमे प्यार कहाँ है? अत्याचार करेगा जो भी।
अत्याचारी कहलायेगा, शासक भी हो क्यों न जगत्का
पीड़ित दलसे दहलायेगा; ग्राहोंके शोलोंमें बोलो यौवनका सौन्दर्य कहाँ हैं ?
आज हृदयमें प्यार कहाँ है ?
अरे इन्ही अत्याचारोंसे
रंगा हुआ इतिहास पड़ा है, - १७३ -