________________
हलचल
पनन भी उत्थान भी है। है जहाँ निशिका अँधेरा, है वही होता सवेरा ; रवि निशाकरका गगनमें उदय भी अवसान भी है।
__ पतन भी उत्थान भी है। सुमन खिलते है मुदित हो, म्लान भी होते दुखित हो; विश्वको इस वाटिकामे, म्लान भी मुस्कान भी है।
__पतन भी उत्थान भी है। . इन दृगोंमें जल छलकता, और उनमें मद झलकता; हृदय वारिधिमें जहाँ भाटा वहां तूफ़ान भी है।
___ पतन भी उत्थान भी है। है कही वीरान जंगल, श्री' कही उद्घोप दंगल , इस घरातलपर कही कलरव, कही सुनसान भी है।
पतन भी उत्थान भी है। है कहींपर मूक पोड़ा, ओं' कही उद्दाम क्रीड़ा ; विश्वके वैचित्र्यमें प्रासाद श्रीर श्मशान भी है।
पतन भी उत्थान भी है।। है कही साम्राज्य लिप्सा, मी' कही भीषण वुभुक्षा ; विश्व मन्दिरमें कही षट्रस, कही विपपान भी है।
पतन भी उत्थान भी है।
--
१२५
-