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कुछ नवचेतन प्रतिनिधियोंको वीरभाव भरते देखा ; 'जयप्रकाग' श्री वीर 'जवाहर'को गर्जन करते देखा। • नोगलिस्ट लोगोंके दिलको तत्क्षणमें गिरते देखा ; गान्धी-वादी नेताओंको विजयलाभ करते देखा। कभी जवाहरकी चुटकीयोंसे सवको हँसते देखा ; कभी उन्हींके प्रवल नादसे खून खौलते भी देखा। 'मौलाना'को सजग भावसे जन जागृत करते देखा ; कुछ अभ्यागत मिश्र-वासियोंको हर्पित होते देखा। श्री सरोजिनी के कूजनसे सभा भवन विस्मित देखा; 'स्वागत नायक'के भापणसे मन गद्गद होते देखा। क्या देखा क्या आज बताऊँ, मैने सब कुछ ही देखा ; पर गान्धी विन अनुत्साहकी रेखाको विस्तृत देखा।
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