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निर्जनके सूनेपनमें . क्यों चिन्तित रहता इनका जीवन ? प्रकृतिके प्रतिक्षणका कैसे
ये करते हैं मञ्जुल चित्रण ? निर्वल निज तनसे फिर कैसे ये कविता-सरिता तरते हैं ?
मृतप्रायोंमें जीवन लाना नवयुवकोंको पथ वतलाना , दीनोंकी करुण कराहोंको
दुनियाने कवितासे जाना। धन, वैभव, तन, बल क्षणिक, किन्तु ये कवितामें क्या भरते हैं ?
मैं चिन्तित-सा रहता निशदिन यह कविता क्या, कैसी होती ? छोटा - सा छन्द बनानेको
मम भावोंकी वीणा रोती। कविता करना कब आयेगा, हम यही विचारा करते हैं !
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