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है ताप घंटे है । याही प्रकार अन्य परिधिनिविषै दिन दिन प्रति ताप तमका घटनां चधनां ल्यावनां ॥ ३८४ ॥
आगे पांचौ परिधिनिके सिद्ध भए अंकनिकौं दोय गाथानिकरि कहै हैं
चावीस सोल तिष्णिय उणण उदीपण्णमेकतीसं च ॥ दुखसत्तद्विगितीसं चोद्दस तेसीदि इगितीसं ॥ ३८५ ॥ द्वाविंशतिः पोडश त्रीणि एकोननवतिपंचाशदेकत्रिंशच्च ॥ द्विख सप्तषष्ठये कत्रिंशत् चतुर्दशव्यशीतिरेकत्रिंशत् ॥ ३८५|| अर्थ:-- वाईस सोला तीन ३ १६२२ इन अंक क्रम करि इकतीस हजार छसै वाईस योजन प्रमाण मेरुगिरिका परिधि है बहुरि निवासी पचास इकतीस ३१५०८९ इन अंक क्रमकरि तीन लाख पंद्रह हजार निवासी योजन प्रमाण अभ्यंतर वीथीका परिधि है । बहुरि दोय बिंदी सदसठि इकतीस ३१६७०२ इन अंक क्रमकरि तीन लाख सोलह हजार सातसे दोय योजन प्रमाण मध्य वीथीका परिधि है । बहुरि चौदह तियासी इकतीस ३१८३१४ इन अंक क्रमणरि तीन लाख अठारह हजार तीनसौ चौदह योजन चाह्य वीथीका परिधि है ।। ३८५ ॥
छादालसुण्णसत्तयचावण्ण होंति मेरुपहुदीण ॥ पंचन्ह परिधीओ कमेण अंककमेणेव || ३८६ ॥ पट्चत्वारिंशच्छ्न्य सप्तकद्विपंचाशत् भवंति मेरुप्रभृतीनां ॥ पंचानां परिधयः क्रमेण अकक्रमेणैव ॥ ३८६ ॥
अर्थः- छियालीस सून्य सात वाचन ५२७०४६ इन अंक क्रमकरि पांच लाख सत्ताईस हजार छियालीस योजन प्रमाण जल पृष्ठभागका परिधि है । ऐसें भेरु आडि नै पंचनिका परिधि सो क्रमकरि कनिका अनुकमकरि जानना ॥ ३८६ ॥
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