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________________ २३२ ] ® जैन-तत्त्व प्रकाश (८) अन्तगडदशांग-इस सूत्र में एक श्रुतस्कंध है, जिसके नौ वर्गों के १० अध्ययन हैं। पहले वर्ग के १० अध्ययनों में अन्धकवृष्णि के १० पुत्रों का अधिकार है । दूसरे वर्ग के ८ अध्ययनों में अक्षोभ, सागर वगैरह अन्धकवृष्णि के ८ पुत्रों का अधिकार है। तीसरे वर्ग में १३ अध्ययन हैं। उनमें वसुदेवजी के पुत्र गजसुकुमार आदि का अधिकार है। चौथे वर्ग के दस अध्ययन हैं। उनमें जालीकुमार, मयालीकुमार, सांब, प्रद्युम्न आदि यादवकुमारों का वर्णन है । पाँचवें वर्ग के दस अध्ययनों में श्रीकृष्ण की गौरी, गांधारी, सत्यभामा, रुक्मिणी आदि पाठ पटरानियों का और जम्बूकुमार की मूलश्री तथा मूलदत्ता रानियों का वर्णन है। छठे वर्ग के १६ अध्ययनों में मकाई आदि १३ गाथापतियों का तथा अर्जुनमाली ऐवन्ताकुमार का, जिन्होंने गुणरत्न संवत्सर तप किया था तथा अलख राजा का वर्णन है । सातवें वर्ग के तेरह अध्ययन हैं। उनमें श्रेणिक राजा की नन्दा, नन्दवती आदि रानियों का वर्णन है। आठवें वर्ग में १० अध्ययन हैं। उनमें श्रेणिक की काली रानी ने रत्नावली तप किया, सुकाली रानी ने कनकावली तप किया, महाकाली रानी ने लघुसिंहक्रीड तप किया, कृष्णा रानी ने वृहसिंहक्रीड तप किया, इत्यादि दस रानियों द्वारा की हुई तपस्या का वर्णन है। अन्तगड सूत्र में कुल 8. मोक्षगामी जीवों का वर्णन है। पहले इस सूत्र में २३२८००० पद थे, उनमें से आजकल सिर्फ ६०० श्लोक शेष रहे हैं। (E) अनुत्तरोववाई-इस सूत्र में ३ वर्ग हैं। पहले वर्ग के दस अध्ययनों में तथा दूसरे वर्ग के १३ अध्ययनों में श्रेणिक राजा के २३ पुत्रों का अधिकार है । तीसरे वर्ग में १० अध्ययन हैं। उनमें काकंदी नगरी के धन्ना सेठ का अधिकार है । धन्ना सेठ ने अपनी २३ पत्नियों का तथा ३२ करोड़ सोनयों का त्याग करके दीक्षा ग्रहण की और अत्यन्त कठिन तपस्या करके शरीर का दमन किया । अन्त में ३३ ही जीव काल करके अनुत्तरविमान में उत्पन्न हुए । वहाँ से एक भव करके मोक्ष जाएंगे। इस सूत्र में पहले ६४०४००० पद थे, जिनमें से अब सिर्फ २६२ श्लोक ही उपलब्ध हैं। [१०] प्रश्नव्याकरण-इस सूत्र के दो श्रुतस्कंध हैं। पहले श्रुतकंध
SR No.010014
Book TitleJain Tattva Prakash
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmolakrushi Maharaj
PublisherAmol Jain Gyanalaya
Publication Year1954
Total Pages887
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Philosophy
File Size96 MB
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