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________________ बलदेव (राम) वासुदेव के पहिले और वासुदेव के जैसे ही, अपनी माता को ४ उत्तम स्वम देकर अवतरते हैं। दोनों के पिता एक होते हैं और माता अलग-अलग होती हैं। फिर दोनों भाइयों के परस्पर अत्यन्त प्रेम होने से दोनों ही मिल के तीन खण्डों में राज्य करते हैं। १०००००० अष्टापद का इनके शरीर में पराक्रम होता है । वासुदेव की आयु पूर्ण हुए बाद यह संयम धारण कर आयु का अन्त कर स्वर्ग तथा भोक्ष जाते हैं । इस अवसर्पिणीकाल के बलदेव, वासुदेव, प्रतिवासुदेव का यन्त्र सभम ॐ सिद्ध भगवान् बलदेव के नाम अचल |विजय भद्र । सुदर्शन अनन्द नन्दन पद्मरथ बलभद्र वासुदेव के नाम |त्रिपृष्ट | द्विपृष्ट स्वयंभू पुरुषोत्तम पुरुषसिंह पुरुषपंडरीक दत्त लमक्ष्ण कृष्ण दोनों के नगर | पोतनपुर | द्वारावति द्वारावती द्वारावती| अश्वपुर |चक्रपुर | बनारसी राजगृही मथुरा दोनों के पिता | प्रजापति | ब्रह्म रुद्र सोम शिव सहस्र अग्रेष दशरथ वसुदेव बलदेव की माता | भद्रा सुभद्रा |सुप्रभा सुदर्शना | विजया | विजयन्ती जयन्ती अपराजिता रोहिणी वासुदेव की माता मृगावती | पद्मावती । पृथ्वी सीता अम्मा लक्ष्मा सुखवती | सुमित्रा देवकी दोनों का देहमान |८० धनुष ७० धनुष्य | ६० धनुष | ५० धनुष | ४५ धनुष | २६ धनुष्य | २६ धनुष्य १६ धनु० १० धनु० बलदेव की आयु लक्ष वर्ष ७५लक्ष वर्ष ६५लक्ष वर्ष ५५लक्ष वर्ष १७लक्ष वर्ष ८५०००वर्ष ६५ हजार १५ हजार १२००० वर्ष वासुदेव की आयु ४लक्ष वर्ष ७२लक्ष वर्ष ६ लक्ष वर्ष ३८लक्ष वर्ष १ लक्ष वर्ष १५८००वर्ष ५६ हजार १२ हजार १००० वर्ष बलदेव की गति मोक्ष मोक्ष । मोक्ष मोक्ष ब्रह्मदेवलोक वासुदेव की गति |७वीं नर्क |६ नर्क ६नके ६ नर्क ६ नर्क नर्क |५ नर्क ४ नर्क नर्क प्रतिवासुदेव के नाम सुग्रीव | तारक नेरक मधु कोट | नसुम्भ । बल प्रहलाद | गवण जरासिंध प्रतिवासुदेव की आयु लक्ष वर्ष ७५लक्ष वर्ष ६५लक्ष वर्षे ५५लक्ष वर्ष १७लक्ष वर्ष ८५ हजार ६५ हजार १५ हजार १२०० वर्ष किस के समय में | श्रेयांसजी वासुपूज्यजी विमलनाथ अनंतनाथ| धर्मनाथजी अरह बाद अरहबाद मुनिसुव्रत अरिष्टनेमिजी [१११
SR No.010014
Book TitleJain Tattva Prakash
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmolakrushi Maharaj
PublisherAmol Jain Gyanalaya
Publication Year1954
Total Pages887
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Philosophy
File Size96 MB
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