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(५५) मूल ॥ सेकित्तं किंचि साहम्मोवणोए २ जहा मंदिरो तहा सरिसवो जहा सरिसवोतहा मंदिरो एवं समुद्दो २ गोप्पयं आश्च्चोखजोत्तो चंदोकुमुद्दो सेत्त किंचि साहम्मे ॥
भापार्थः- पूर्वपक्षः ) किंचित् साधोपनीत किस प्रकार प्रतिपादन किया है ? (उत्तरपक्षः) जैसे मेरुपर्वत वृत्त (गोल) है इसी प्रकार सरसवका वीज भी गोल है, सो यह किश्चित् मात्र साधर्म्यता है क्योंकि वृत्ताकारमें दोनोंकी साम्यता है परंतु अन्य प्रकारसे नही है। ऐसे ही अन्य भी उदाहरण जान लेनेजैसेकि समुद्र गोपाद, आदित्य (सूर्य) और खद्योत, चंद्र और कुमुद, सो यह किंचित् साधर्म्यता है ॥ ____ मूल ॥सेकित्तं पायसाहम्मोवणीय २ जहा गो तहा गवज जहा गवउ तहा गो सेनं पायपाय साम्मे ॥
भावार्थ:-(प्रश्नः ) वह कौनसा है प्रायः साधोपनीत उपमान प्रमाण ? ( उत्तरः) जैसे गो है वैसी ही आकृतियुक्त