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( ३० ) हेतुत्वममूर्त्तत्वमचेतनत्वमिति । काळ द्रव्ये वर्तना हेतुत्वममूतत्वमचेतनत्वमिति विशेषगुणा अन्तस्थाश्चत्वारो गुणाः स्वजात्यपेक्षया सामान्यविजात्यपेक्षया तएव विशेष गुणाः ॥ इति गुणाधिकारः ॥
भावार्थ:-इन षोडश गुणोमेंसे जीव द्रव्यमें पड् विशेष गुण हैं, जैसेकि जीव द्रव्यमें ज्ञान, दर्शन, सुख, वीर्य, चेतनता, अमूर्त्तिभाव यह षड् गुण हैं; और पुद्गल द्रव्यमें भी पड् गुण हैं, जैसे कि स्पर्श, रस, गंध, वर्ण, मूर्तिभाव, अचेतन भाव || अ पितु अन्य द्रव्योंमें उक्त विशेष गुणोंमेंसे तीन तीन गुण विद्यमान हैं जैसेकि धर्म द्रव्यमें गतिहेतुत्व ( चळण लक्षण ), अमूर्त्तत्व ( मूर्ति रहित ), अचेनत्व ( जड़ता ), यह तीन गुण हैं | और अधर्म द्रव्यमें स्थितिहेतुत्व ( स्थिर लक्षण ), अमूर्त्तित्व, (मूर्ति रहित), अचेतनत्व ( जड़ ) यह तीन गुण हैं । और आकाश द्रव्यमें अवगाहनहेतुत्व ( अवकाश लक्षण ), अमूर्त्तत्व ( मूर्ति रहित ), अचेतनत्व ( शून्य )|| काल द्रव्यमें वर्त्त - नाहेतुत्व अमूर्त्तत्व अचेनत्व यह विशेष गुणोंमेंसे तीन १ गुण प्रति द्रव्य में हैं, क्योंकि द्रव्यत्व, क्षेत्रत्व, कालत्व, भावत्व, यह चारोंकी स्वजात्यपेक्षया विशेष गुण हैं और परगुणापेक्षा सामान्य गुण हैं ॥