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रत्नगिरि माटिके लेख
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२८ रत्नगिरि ( कटक, उडीसा)
संस्कंग, ७वीं सदी [ इस लेखमे ७वीं सदीकी लिपिमें एक जिनालयका उल्लेख है । लेख खण्डित है।]
[रि० इ० ए० १९५४-५५ क्र. ४४८ पृ० ६७ ]
२६ पेनिकेलपाड (कडप्पा, आन्त्र )
संस्कृत-तेलुगु, ७वीं सदो [ इस लेखमें वृषभ नामक जैन आचार्यको प्रशंसा की गयी है। उन्हें भन्यरूपी फसलके लिए मेघके समान तथा वाद-विवादमें पर्वतके समान दृढ कहा है। इस स्थानको अव सन्यासिगुण्ड कहा जाता है। लिपि ७वीं सदीकी है।
[रि० सा० ए० १९४०-४१ ० ४.१ पृ० १२० ]
३० कोंगरपुलियंगुलम् ( मद्रास)
____ बलुत्तुलिपि, ७वी सदी (एक नमूर्तिके नोचे -) श्रीगज्जणन्दि
[यहाँसे ३८वें लेख तक ९ लेखोका समय लिपिके आधारपर कहा है।]
[रि० सा० ए० १९१० पृ० ५७ क्र० ५४ ]