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कारकल आदिके लेख
३७१
[ यह लेख एक जिनमूर्तिके पादपीठपर है और इसका आधा भाग अस्पष्ट हो जानेसे अचूरा हुआ है। इसमें किसी गणके एक आचार्यका उल्लेख रहा है । ]
[ ए०रि० मं० १९२९ पृ० १२६ ]
५८७
कारकल (मैसूर)
संस्कृत
[ यह लेख गोम्मट मूर्तिके सम्मुख ब्रह्मस्तम्भके समीप उत्कीर्ण पादुकाओंके पास है । लिपि आधुनिक है -
(मूल) श्रीगणधरपादम् । ]
[रि० इ० ए० १९५३-५४ क्र० ३३८ पृ० ५२ ]
५८८
कोप्पल ( रायचूर, मैसूर )
कन्नड
[ इस लेखमें चावय्य द्वारा जटासिंगनन्दि माचार्यको पादुकाओको स्थापनाका उल्लेख है । ]
[रि० इ० ए० १९५४-५५ क्र० १६१ पृ० ४१ ]
५८६ वादंगट्टि ( धारवाड, मंसूर )
कन्नड
[ यह लेख बोम्मिसेट्टिके समाधिमरणका स्मारक है । ]
[रि० इ० ए० १९४७-४८ क्र० १६९ पृ० २२]