________________
२७६
जैनशिकालेस-संग्रह
[३३८८-३८९ वनवासि (उत्तर फनडा, मैसूर )
१२ची-१३वीं सदी, काड [यहाँ दो मूर्तिलेस है जो १२वी-१३वी सदीकी लिपिमें है किन्तु अस्पष्ट है । एवम मूलसपके किसी आचार्यका उल्लेस है।]
[रि० इ० ए० १९४७-४८ क्र० २४३-४४ पृ० २८]
विजापूर ( मैसूर)
शक १२३२ = सन् १३१०, कन्नड [ इस मूर्तिलेखम मूलसप-निगमान्वयके कृष्णदेव-द्वारा शक १२३२, साधारण मवत्सरमें इस मूर्तिको स्थापनाका उरलेस है।] [रि० सा० ए० १९३३-३४ ३० ई० १६४ पृ० १३४ ]
३६१ बेलगामे ( मैसूर)
सन् १३१९, कन्नड १ स्वस्ति श्रीमतु यादवचक्रवर्ति भुजयलवी "बलाल " २ पंढ ९ नेय सिद्धाथिमवत्सरद भाषाढ शु ३ वार व्यतीपात संक्रान्ति शुमहिनढ ४ (श्री)मद् राजधानिपट्टण बलियामय हिरियय५ सदिय मालिकामोदशान्तिनाथवर अष्ट. ६ विधार्च(नोगे श्रीमनु महाप्रधान सेनाधिपति मलि