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१४६ जनशिलालेग-संग्रह
[२००सोमवार, विकारी मंवत्सर, चालुक्य विक्रमवर्ष ४४ के दिन लिखा गया था। इसमें जेमपार्य तथा जातियफ्को पुत्र फेगवय्य मेट्टिमा उरलेस है जिसने स्थानीय जिनमन्दिरमे पूर्व और पश्चिमकी ओर बगदिया, एक पट्टशाला तथा कूपका निर्माण कराकर लोकपाल-मृतियोको स्थापना की थी और देवपूजाके लिए कुछ भूमि आदि दान दिया था । [ मूल लेस फनडमें मुद्रित ] [मा० ४० १० ११ पृ० २१९ ]
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कुमारवीड ( मैमूर)
भक १०४५%सन् ११२२,कन्नड १ श्रीमतपरमगमीरस्यावादामाघकाठन (0) पीयान २ लोक्यनाथस्य शासन जिनशासन (1) स्वस्ति समधिग (त)
पच३ महाश महामण्डलेश्चर कुलात गचोलभुजय४ लवीरगगहोयमलटेवरु गगवाटि वीमहा५ मासिरमनेकच्छचटि तलकाउलिटुं सुखमकतावि६ नोददि राज्य गेय्युत्तमिरे शकवर्ष १०४४ ने७ य प्लघसंघस्मरट मार्गसिर मुध ५ मोमवार८ ददु महाप्रधान टण्डनायक गगपथ्य९ गल तम्म सोवणटण्डनायकंग हादरियागिल१० बीटिनलु परोक्षविनयक माटिसिट बसटिगे ११ विह दचि मैग्मेनाइ चन्दवनहरिलयु वीडिंट १२ मृढण कम्माढिय केरेय गहे ३० सलगेयु १३ था केरेयिं पढगल परिय घेडले चेलि २ १४ आ केरेय घटुवण कढ केलगे तोट १५५०० गुलियु बीदिन २ गाणट पुण्णेयु