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जनशिलालेस-सग्रह
[१४६१२ गल धर्मतीर्थ प्रवर्ति सुवलि गीतमस्वामिगलिं मढ़वाहुस्वामि
गलिवलि १३ पुष्पदन्तमहारकरि मेषचन्द्र १४ ."श्रीमूलसघ१५ व बेलवेय अभयचन्द्रपण्डितगें विनयाठिस्यहोथिमलटेवर शक
वर्ष ९८३ शुमकृत्सवत्सरट १६ उत्तरायणसक्रमणद दानार्थदेमण्ण धारापूर्वक कोट अ तरह १७ पर्वद्ध हणवारमटि देवर चरुपिगे यिप्पत्तयरह सळगेय
धारापूर्वक मादि १८ विट दत्ति तोल्ललहल्लिय मुहगोदनु विपगौनु घुरतकलु
यिरभुगाम्ब होर१९ गेरिय महणभूमि विगुड्डय भूमिय समयचन्द्रपण्डितरिंग धारा २० वंक माडि विट्टरुई धर्मवन् भवनोन्यनु" , [, इस लेखमें होयसल राजा विनयादित्य-द्वारा शक ९८३ में उत्तरायणसक्रमणके अवसर पर मृगसके पण्डित अभयचन्द्रको कुछ भूमिदान दिये जानेका उल्लेख है। अमयचन्द्रको पूर्वपरम्पराम गौतमस्वामी, भद्रवाहस्वामी, पुष्पदन्तभट्टारक उपा मेषचन्द्रका उल्लेख किया है। मुद्दगौड तथा तिप्पगोड द्वारा भी कुछ भूमिदान दी गयी थी। ये दोनो तोललहल्लिके निवासी थे।
[एरि० मै० १९२७ पृ० ४३ ]
पालियड (गुजरात) सवत् १११२सन् १०६६, सस्कृत-नागरी १ सिद्ध विक्रम सवत् १११२ चैत्र सुदि १५ अधेह आकाशिका
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