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जैनशिलालेख-संग्रह
[११११४१ कोगलि (जि. बेल्लारो, मैसूर )
शक ९७७ % सन् १०५.
जैन मन्दिरके आगे एक शेडमें, कन्नड यह लेख चालुक्य सम्राट् लोक्यमल्लके राज्यकालका है । इसमें कहा है कि इस मन्दिरका निर्माण गग राजा दुविनीतने किया था। लेखके समय जैन आचार्य इन्द्रकीतिने इस मन्दिरको कुछ दान दिया था। इन्द्रकीतिका वर्णन इस प्रकार किया है
श्रीमदरहञ्चरणसरसिंहभूग, कोण्डकुन्दान्वयसमूहमुखमडन, देशीयगण कुमुदवनशरच्चन्द्र, कोकलिपुरेन्द्र, त्रैलोक्यमल्लसद सरसिकलहस, कविजनाचार्य, पण्डितमुखाम्बुरुहचण्डमार्तण्ड, सर्वशास्त्रज्ञ, कविकुमुदराज, त्रैलोक्यमल्लेन्द्रकीतिहरिमूति]
[इ० ए० ५५, १९२६ पृ०७४, इ० म० वेल्लारी १९६]
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डम्वल (मैसूर)
शक ९८१-सन् १०५९, कार [यह लेख चालुक्य सम्राट् त्रैलोक्यमल्लदेव (सोमेश्वर १) के समय चैत्र शु० १३, रविवार शक ९८१, विकोरि सवत्सरके दिन लिखा गया था। इसमें धर्मवोललके नगरजिनालयके लिए बाचय्यसेट्टिके जमात बीरग्यसेट्टि द्वारा कुछ सुवर्णदान दिये जानेका उल्लेख है। [मूल कन्नडमें मुद्रित]
[सा० इ० इ० ११ १०८९]