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जैन-शिलालेख संग्रह
अविनीत; दुर्विनीत, मुष्कर श्रीविक्रम
भूविक्रम उसका छोटा भाई राजा काम (या नृप-काम) था जिसने एक भया (याचक ) को गजका दान दिया था और इस कारणसे 'चागि'का नाम प्राप्त किया था।
उस नृप-कामका प्रपौत्र श्रीपुरुष था, इसका 'श्रीवल्लभ' अन्र्थ क नाम प्रसिद्ध था तथा यह गज-शास्त्रका प्रणेता था । इसने विळ (या चिव) की लढाईमे काञ्चीके युद्धप्रिय राजा काडुवेहिसे उसका पल्लव-छत्र छीन लिया था तथा उसके हाथसे 'पेनिडि' का नाम भी छीन लिया था। तब उसका पुत्र शिवमार-देव (सैगोट) हुआ, वह वीरमार्तण्ड-देव नामसे भी प्रसिद्ध था । उसने 'शिवमारमत' नामसे एक गज-शास्त्रका भी प्रणयन किया था। राजा विजयादित्य उमका छोटा भाई था । उसका पुत्र एरेया था। उसका पुत्र राजमल्ल, उसका पुत्र मरुळ, उसका पुत्र बूतुग, उसका पुत्र एरेयप; उसका पुत्र नरसिग; उसके तीन नाम और भी प्रसिद्ध थेवीर वेडेग, मनुजपति तथा राजमल्ल । उसका (नरसिंगका) छोटा भाई कनिय-गन था। उसका छोटा भाई तुग-वेनिडि था । यह कृष्णराजाकी बहिनका पति था। उसके पराक्रमकी प्रशसा । इसका ज्येष्ठ पुत्र मरुळ-देव था। उसका छोटा भाई मारसिह देव था। इसका छोटा भाई राजमल्ल देव था, जिसे नोळम्बकुलान्तक, पल्लव मल्ल, और गुत्तिय-गङ्ग भी कहते थे। इसकी प्रशमा । उसका छोटा भाई नीति-मार्ग था। उसके छोटे भाई राजा वासव और कञ्चल-देवीसे गोविन्दर-दव उत्पन्न हुआ था। उसके पराक्रमकी प्रशसा । उसका छोटा भाई अल्मुळि-देव था। ___ अरुमुळि-देव और गावव्वरसिसे चट्टल, कञ्चल और राजविद्याधर उत्पन्न हुए थे । इनमेंसे चट्टल-देवी की शादी काडुवेट्टिसे,—जो तोण्डे-नाड् ४८००० का शासक तथा काञ्चीका अधिपति था-कर दी थी । कञ्चल