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श्री जैन
पूजा-पाठ संग्रह |
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चंदन घसों कपूर मिलाय, पूजं श्रीजिनवरके पांय । परम गुरु हो, जय जय नाथ परम गुरु हो || दरशविशुद्धि भावना भाय, सोलह तीर्थंकर पद पाय, परम गुरु हो, जय जय नाथ परम गुरु हो ॥ २ ॥
ह्रीं दर्शन विशुद्ध्यादिपोडशकारग्भ्यः चंदनं ।
तन्दुल धवल अखंड अनूप, पूजं जिनवर तिहुं जगभूप । परमगुरु हो, जय जय नाथ परम गुरु हो ॥ दरशविशुद्धि भावना भाय, सोलह तीर्थंकर पद पाय, परम गुरु हो, जय जय नाथ परम गुरु हो ॥ ३॥
ह्रीं दर्शनविशुद्ध्यादिपोडशकाराभ्यां अक्षतं नि० फूल सुगन्ध मधुप गुंजार, पूजूं जिनवर जग आधार । परम गुरु हो, जय जय नाथ परम गुरु हो | दरशविशुद्धि भावना भाय, सोलह तीर्थंकर पद पाय, परम गुरु हो, जय जय नाथ परम गुरु हो ॥ ४ ॥
ॐ ह्रीं दर्शनविशुद्ध्यादिपोडशकार भ्यः पुष्पं० सद नेवज बहु विधि पकवान, पूजूं श्रीजिनवर गुणखान | परम गुरु हो, जय जय नाथ परम गुरु हो ॥ दरशविशुद्धि भावना भाय, सोलह तीर्थकर पद पाय, परम गुरु हो, जय जय नाथ परम गुरु हो ॥ ५ ॥ ह्रीं दर्शन विशुद्ध्यादिपोडशकारभ्यां नवां