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श्री जैन पूजा-पाठ संग्रह।
चांदनपुरके महावीर तोरी छवि प्यारी । प्रभु भव आताप निवार तुम पद बलिहारी ।। चंदनं० ।। तंदुल उज्ज्वल अति धोय थारो में लाऊं । तुम मन्मुख पुञ्ज चढ़ाय अक्षय पद पाऊं ।। चांदनपुरके महावीर तोरी छवि प्यारी । प्रभु भव आताप निवार तुम पद बलिहारी ।। अक्षतं० ।। बेला केतुकी गुलाब चंपा कमल लऊं। जे कामवाण करि नाश तुम्हरे चरण दऊं ।। चांदनपुरके महावीर तोरी छवि प्याग । प्रभु भव आताप निवार तुम पद बलिहारी ॥ पुष्पं० ।। फैनी गुजा अरु स्वार मोदक ले लाजे । करि क्षुधा रोग निरवार तुम मन्मुख कीजे ।। चांदनपुरके महावीर तोरी छवि प्यारी । प्रभु भव आताप निवार तुम पद बलिहारी ।। नैवेद्यं० ।। घृतमें करपूर मिलाय दीपक में जोगे। करि मोहतिमिरको दर तुम मन्मग्य वागे॥ चांदनपुरके महावीर तोरी छवि प्यारी। प्रभु भव प्रताप निवार तुम पद बलिहारी ।। दीपं० ॥ दशविधि ले धूप बनाय तामें गंध मिला। तुम सन्मुख खेऊ आय आठों कम जला ।।