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________________ २७२ श्री जैन पूजा-पाठ संग्रह | श्री चांदन गांव महावीर स्वामी पूजा । छन्द । भेपको । श्री वीर सन्मति गांव चादनमें प्रगट भये आय कर । जिनको वचन मन कायसे मैं पूजहं शिर नाय कर || हुये दयामय नार नर लग्वि, शांतिरूपी तुम ज्ञानरूपी भानसे कीना सुशोभित सुर इन्द्र विद्याधर मुनो नरपति नवावें हम नवत हैं नित चावसों महावीर प्रभु जगदीशको || देशको || शीमको । ह्रीं श्री चांदनगांव महावीर स्वामिन अत्र अवतर संौपट आह्नाननं । ह्रीं श्री चांदन गांव महावीर स्वामिन अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठः ठः स्थापनं । ह्रीं श्री चांदन गांव महावीर स्वामिन अत्र मम सन्निहितो भव भव वषट् सन्निधिकरणम | श्रथाष्टकं । क्षीरोदधि से भरि नीर कंचन के कलशा । तुम चरणनि देत चढ़ाय आवागमन नशा || चांदनपुरके महावीर तोरी छवि प्यारी । प्रभु भव आताप निवार तुम पद बलिहारी ॥ १ ॥ ह्रीं श्री चांदनपुर महावीर स्वामिने जलं नि० मलयागिर और कपूर केशर ले हरषों । प्रभु भव आताप मिटाय तुम चरननि परसों ॥
SR No.010003
Book TitleJain Pooja Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavir Prakash Jain Thekedar Delhi
PublisherMahavir Prakash Jain Thekedar Dehli
Publication Year
Total Pages359
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Ritual_text, & Ritual
File Size13 MB
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