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श्री जैन पूजा-पाठ संग्रह।
श्री वासु पूज्य मति नेम, पारस वीर अति, नमं मन वच तन धरि प्रेम पांचों बालयति ।। अक्षतं ।। यह काम सुभट अति मूर, मनमें क्षोभ करो, मैं लायो सुमन हजूर, याको बेग हगे। श्री वासु पूज्य मलि नेम, पारम वीर अति, नमं मन वच तन धरि प्रेम पांचों बालयति ।। पुष्पं ।। षट ग्म पूरित नवेद्य, ग्मना सुख कारी, द्वय करम बेदनी छेद, आनन्न ह भार्ग । श्री वासु पूज्य मलि नम, पाग्म वीर अति, नमं मन वच तन धरि प्रेम पांचों बालयति ।। नवेद्यं ।। धरि दीपक जगमग ज्योति, तुम चरणन आगे, मग मोहतिमिर क्षय होत, आतम गुण जागे । श्री वासु पूज्य मलि नम, पारम वीर अति. नमं मन वच तन धरि प्रम पांचों बालयति ।। दीपं ।। ले दशविधि धृप अनूप, खेऊ गंध मई, दशबंध दहन जिन भूप तुमहो कम जई। श्री वासु पूज्य मलि नेम, पारस वीर अति, नमं मन वच तन धरि प्रेम पांचों बालयति ।। धृपं ।। पिस्ता अरु दाख बदाम, श्रीफल लेय घने, तुम चग्न जज गुग्णधाम, द्यो मुख मोक्ष तने ।