SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 241
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ श्री जैन पूजा- पाठसंग्रह | सोरठा । शिवथान सावन सुदि पूनमगए । जजूं मोक्षकल्यान सुरनर खगपति मिलि जर्जें ॥ २०६ श्री सम्मेद शिखर सिद्धक्षेत्र परवत सेती संकुल नामा कूट के दरशन फल एक कोड़ि उपवास और श्रेयांसनाथ तीर्थं करादि छानवे कोड़ा को छानवे कोड़ छानवे लाख नौ हजार पांच सौ बयालिस मुनिमुक्ति पवार तिनके चरणकमलकी पूजा अ सोरठा । गये पुष्प निरवान भादव सुदि अष्टम दिना । पूजूं मोच कल्यान सत्र सुर मिल पूजा करी ॥ श्रीं ह्रीं श्री सम्मेद शिखर सिद्धक्षेत्र परवत सेती सुप्रभु कूटके दरशन फल एक कोड़ उपवास और श्रीपुष्पदंत तीर्थंकरादि एक कोड़ा कोड़ी निन्यानवे लाख सात हजार चार सौ अस्सी मुनि मुक्ति पधारे तिनके चरण कमलकी पूजा अर्घ सोरठा 1 निघाति जिनराय, चौथ कृष्ण फागुन विषै जजूं चरण गुणगाय, मोच समेदाचल थकी ॥ श्रीं ह्रीं श्रीसम्मेद शिखर सिद्धक्षेत्र परवत सेती मोहन कूटके दरशन फल एक कोड उपवास और श्रीपद्मप्रभु तीर्थंकरादि निन्यानवे कोड़ि सत्यासी लाख वितालिस हजार सात से सत्ताइस मुनि मुक्ति पधारे. तिनके चरण कमलकी पूजा अर्घ
SR No.010003
Book TitleJain Pooja Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavir Prakash Jain Thekedar Delhi
PublisherMahavir Prakash Jain Thekedar Dehli
Publication Year
Total Pages359
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Ritual_text, & Ritual
File Size13 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy