________________
२१६
श्री जैन पूजा-पाठ संग्रह।
श्रावक मुनिगण जननी, तुमही गुणखानी । सेवक लख मुखदायक, पावन परमाणी ।। जय अम्बे वाणी, माता जय अम्बं वाणी ।।५।।
पश्चात नीच लिय अनुसार बहियाम म्बनिकादि लिखकर बीर संवत, विक्रम संवत. इवामन . मिती, वार. तारीख आदि लिखना चाहिय ।
श्री महावीर स्वामिने नमः।
卐
श्री
श्री लाभ श्री श्री श्री शुभ
श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री .
श्रा श्री श्री श्री श्री श्री ऋषभायनमः
श्री महावीर स्वामिने नमः श्री गौतमगणधराय नमः श्री जिनमुखाद्भवमरस्वतीदव्य नमः
श्री कंवलज्ञान लक्ष्मी दव्यं नमः ।