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श्री जैन पूजा-पाठ संग्रह। १३७ धोकिये तुम प्रभु आय ॥ शान्ति करो जग शान्त जी ॥१४॥ आज सफल रसना भई, तुम गुणगान करंत ।। धन्य भयो हिय मोतणो, प्रभु पद ध्यान धरंत ॥ शान्ति करो जग शान्त जी ॥१५॥ आज सफल युग मोतणो, श्रवण सुनत तुम बैन । धन्य भये वसु अंग ये, नमत लियो अति चैन ॥ शान्ति करो जग शान्त जी ॥१६॥ राम कहै तुम गुण तणो, इंद्र लहै नहिं पार । मैं मति अलप अजान हूं, होय नहीं विस्तार ॥ शान्ति करो जग शान्त जी ॥१७॥