SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 141
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ श्री जन पूजा-पाठ संग्रह पंचकल्याणक | मोतियादाम छंद । स वी द्वितीया दिन जान, तजो मरवारथमिद्ध विमान । भयौ गरभागम मंगल मोय, नमं जिनको नित हर्षित होय ॥ श्रीदिन जिनंद्राय आषाढ़वादी द्वितीयायां गर्भकल्याप्राप्ताय अघ निवपामीति स्वाहा । १२८ सुदी नवमी दिन जान, गयौ शुभ तादिन जन्मकल्यान । सुरासुर इन्द्र शचीजुत आय, करौ गिरिशीम महोत्सव जाय ।। श्रीदिनाथ जिनेंद्राय चैतवदीनवम्यां जन्मकल्याणक - प्राप्ताय अर्ध निर्व वदी नवमी शुभ चत बताय, प्रभू ढिंग देवऋषीश्वर आय । करी बहु भक्ति नवाय सुभाल, लयौ तप तादिन श्रीजिन हाल || श्रीं ह्रीं श्री आदिनाथजिनेंद्राय चेतवदानवम्यां तपकल्या एकप्राप्ताय निर्व० वदी शुभ ग्यारस फाल्गुण जान, सु तादिन घाति हने भगवान । करौ वरकेवल ज्ञानप्रकाश, हरे जगको भ्रममोहविलास || ह्रीं श्री आदिनाथ जिनेंद्राय फाल्गुणवदी एकादशम्यां ज्ञानकल्याणकप्राप्ताय अर्घ निर्व० वदी शुभ माघचतुर्दसि जान, लयौ प्रभुने शिवथान महान । करौ बहु उत्सव इन्द्रमहिंद्र, भरौ मम आस सदा जिनचद्र ।। ह्रीं श्राश्रदनाथ जिनेंद्राय माघवदीचतुर्दश्यां मोक्षमंगलप्राप्ताय अघ निर्व C
SR No.010003
Book TitleJain Pooja Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavir Prakash Jain Thekedar Delhi
PublisherMahavir Prakash Jain Thekedar Dehli
Publication Year
Total Pages359
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Ritual_text, & Ritual
File Size13 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy