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माना जाता है। इसके लगाने के उद्देश्य कांच (Mirror ) की तरह स्पष्ट हैं, जिसे आप पहले पढ़ चुके हैं। इसे बड़े-बड़े होटल के खाने के कक्ष और स्वागत कक्ष (रिसेप्सन) पर लगाया जाता है। 7. मछली घर (Fish Bowlers) पेड़-पौधे एवं वनस्पतियों की तरह मछली घर भी जीवन शक्ति, प्राण वायु एवं प्राकृतिक सौंदर्य का प्रतीक है। जब घर में जल तत्व की कमी प्रतीत होती है, घर या कार्यालय
में फव्वारे नहीं लगाये जा सकते, तब घर या कार्यालय में वास्तु दोष के शमन हेतु मछली घर लगाया जाता है। मछली-केकड़े को चीन में (Sea Food or Fruit of the Sea) समुद्र देवता का प्रसाद मान कर बढ़े चाव से खाया जाता हैं। जैसे भारत में हम चावल और गेहूं को अन्न देवता कहते हैं, अन्न को हम पवित्र वस्तु मानते हैं,
वैसे ही मछली घरों को विदेशों में पवित्र एवं शुभ शकुन मान कर घरों में स्थापित किया जाता है। कार्यालय और दुकानों में, दुर्भाग्य एवं दुर्घटना से बचने के लिए, मछली घर लगाया जाता है। जैसे ही कोई मछली मरती है, उसे तुरंत बदल देते हैं, मछली घर में उठने वाले पानी के बुदबुदे जीवन शक्ति एवं फव्वारों से जल प्रवाह का संकेत देते हैं, जो, लक्ष्मी की आवागमन हेतु, शुभता का प्रतीक है। 8. जलाशय एवं फव्वारे (Aquariums of Fountaions) बड़े भवन, होटल, बहुमंजिला भवन, व्यावसायिक भवन में जल संबंधी दोष को दूर एवं कम करने के लिए जलाशय एवं फव्वारों को व्यवस्थित कर के लगाया जाता है। जल
भी जीवन का प्रतीक है। यह नेत्रों को प्रिय लगता है एवं मन को प्रफुल्लित करता है। यह बाहरी हवा में, गर्मी को दूर कर, नमी पैदा करता है तथा, मुनष्य के मन की भीतरी उद्धिग्नता को दूर कर, उसको ठंडक और मानसिक शीतलता प्रदान करता है।
चीनी भाषा में वास्तु शस्त्र को फेंग सुई (Fenjhg-Shui) कहा गया है, जो दो शब्दों का सम्मिश्रण (Wind-water) है, जिसका शाब्दिक अर्थ जल एवं वायु है। जल को मध्य एशिया में धन का प्रतीक माना गया है एवं वायु को प्राण का प्रतीक। फेंग सुई (Feng Shui) का भावात्मक अर्थ है जल तत्व और वायु तत्व के द्वारा भवन
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