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में धन संग्रह को बढ़ाना (Blowing away money through wind & water) इसलिए मध्य एशिया के ऊंचे भवनों, बहुमंजिली इमारतों, पंचतारा होटल और रेस्टोरेंट में धनागमन के प्रतीक फव्वारों एवं जलाशयों को बड़ी सूझ-बूझ के साथ बनाया जाता है। जल निष्कासन, प्राकृतिक पानी के बहाव (ढलान) पर विशेष ध्यान दिया जाता है क्योंकि यदि पानी का निकास गलत ढंग से हो गया, तो घर, होटल, रेस्टोरेंट का सारा रुपया गलत ढंग से चला जाएगा। 9. पवन चक्की और दिशादर्शक यंत्र (Windmills, Whirlings & Weather Wanes)
हवा से चलने वाले संयंत्र पवन चक्की, दिशासूचक यंत्र और अन्य तेज गति से फड़फड़ाने वाले वायु प्रवाहसूचक यंत्र, घरों के ऊपर और बाहर इस तरीके से लगाये जाते हैं कि पड़ोस के बड़े भवन अथवा राजमार्ग वेध का दुष्प्रभाव
गृहस्वामी पर न पड़े। 10. भारी पत्थर एवं मूर्तियां : (Stone-Statues & Heavy Objects) कई बार घर-कारखाने की विशेष दिशा और कोण को भारी करने के लिए भारी पत्थरों, चट्टानों एवं मूर्तियों का सहारा लिया जाता है। इनको सही ढंग से, वास्तु नियमों के अनुसार, लगाने से गृहस्वामी के धंधे और रोजगार में स्थायित्व आ जाता है। कई बार तो पति-पत्नी के अलगाव, निरंतर यात्राएं एवं अस्थायित्व की भावना, वांछित दिशा कोण को भारी करने पर, अदृश्य ढंग से स्वतः ही समाप्त हो जाते हैं। 11. भारी विद्युतीय संयंत्र (Electrical-Power) :
उद्योग, कारखानों और दुकानों में भारी विद्युत संयंत्रों को ठीक ढंग और सही दिशा में स्थापित करने से अनेक समस्याओं का स्वतः ही समाधान हो जाता है। कारखाने में जेनरेटर-बॉयलर, फर्नेस-भट्टियों को सही ढंग से लगाने पर विद्युत शक्ति बराबर रहती है, बिजली जाती
नहीं है। इसी प्रकार घरों में भी बिजली का मोटर, कपड़े धोने की मशीन, फ्रिज, टेलीविजन इत्यादि विद्युत उपकरणों को सही ढंग से लगाने पर घर के सदस्यों की पाचन शक्ति एवं ऊर्जा बराबर सही स्थिति में बनी रहती हैं।
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