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पांच प्रतिशत हिस्सा वास्तुविद् को देना पड़ता है। एक बार आने के पांच सौ डॉलर एवं पचास हजार डॉलर तक मासिक (50,000) वास्तु कला विशेषज्ञों की तनख्वाह है। सिंगापुर की मशहूर पंचतारा होटल ध्यान में दरवाजा, काउंटर, फव्वारे एवं स्वागत कक्ष में वास्तु कला विज्ञानी की सलाह से परिवर्तन कर के अपने व्यापार को सुधार गया तथा लाखों-करोड़ों डॉलर का मुनाफा कमाया गया। हमेशा ध्यान रखें कि गृहस्वामी की समृद्धि की मुख्य चुंबकीय शक्ति घर के प्रवेश द्वार से हो कर घर में प्रवेश करती हैं। अतः प्रवेश द्वार में किसी प्रकार की कोई रुकावट नहीं होनी चाहिए ।
बाहरी वातावरण का कितना कुप्रभाव गृहस्वामी पर किस खतरनाक तरीके से पड़ता है, इसकी एक सत्य घटना पाठकों को जरूर बताएंगे। हांगकांग के एक सम्पन्न व्यापारी का समुद्र के किनारे, समुद्र की ओर मुंह किये हुए (Seafacing) एक सुंदर सा कॉटेज, सभी प्रकार से सुंदर एवं सभी प्रकार की आरामदायक सुख-सुविधाओं से युक् था, परंतु गृहस्वामी के 'गृह प्रवेश' के तुरंत बाद भाग्य ने करवट ली । गृहस्वामी का सुंदर बच्चा बीमारी से चल बसा। उसकी पत्नी गंभीर बीमार पड़ गयी एवं व्यापार में उसे भारी आर्थिक घाटा हुआ।
गृहस्वामी ने किसी वास्तु विज्ञ को अपना काटेज दिखलाया। पर उसमें कोई त्रुटि दिखलाई नहीं पड़ी। कुछ महीने बीते और गृहस्वामी की पत्नी भरपूर इलाज के बाद मर गयी। फिर उसने दूसरे वास्तु शास्त्री को बुलाया, पूरा काटेज दिखाया, पर उससे भी कोई सहायता नहीं मिली। फिर उसने एक वास्तु शास्त्री को अपने यहां मासिक वेतन पर रख लिया और उसे नियमित रूप से नित्य प्रति की गतिविधियों पर निगाह रखने को कहा, क्योंकि गृहस्वामी को यह पक्का विश्वास था कि इस काटेज के फेंग
सुई में कहीं कुछ गड़बड़ है। वास्तु शास्त्री एक माह तक उस काटेज में रहा । मा के आखिरी दिन वह सवेरे जल्दी उठा। उसने देखा काटेज के ठीक सामने, एक बड़े मेंढ़क की आकृति में मुंह फाड़े हुए, विकृत चट्टान खड़ी थी । वास्तु शास्त्री ने गृहस्वामी को इससे अवगत कराया। गृहस्वामी ने भी उस विकृत और डरावनी चट्टान को देखा,
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