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जैसा दिखलाई देता है, तो वह शक्ति तथा अनुकूल पर्यावरण का संकेतक है।
शयन कक्ष में कभी भी जानवरों की लड़ाई का चित्र, अग्नि, चमगादड़, सर्प, कौओं, उल्लू, बिल्ली, शेर एवं नग्न चित्र न लगाएं। आधुनिक चित्र कला के नाम पर ऊटपटांग एवं मानसिक शांति भंग करने वाले, भड़कीले चित्र शयन कक्ष में न लगाएं। ईसा से 1200 वर्ष पूर्व चीनी वास्तुविज्ञों ने सारे संसार को पांच तत्वों से निर्मित माना। ये पांच तत्व हैं - सुवर्ण, लकड़ी, जल, अग्नि और पृथ्वी। इसके बाद उन्होंने ग्रह-नक्षत्रों को खोज निकाला और यह माना कि सभी ग्रह सूर्य के चारों ओर घूमते हैं। जो व्यक्ति चीन में ज्योतिष वास्तु विज्ञान को जानता है, उसी डी-ली जियागा जियो ग्राफर (Geographer) कहते हैं। वे धरती और स्वर्ग के बीच की खुशियों को कंपास के द्वारा सुनिश्चित करते हैं। कहते हैं कि चुंबकीय कंपास का आविष्कार सबसे पहले चीन ने आठवीं शती में किया। चीन में बीमार व्यक्ति को औषधियां भी इसी यिन (Yin) और येंग (Yang) के आधार पर दी जाती हैं। कई भवन स्वामी ऐसा सोचते हैं कि वे वास्तु विशेषज्ञ की सलाह पर अपने मकान का द्वार, या अन्य स्थल, आर्थिक विपन्नता के कारण, नहीं बदल सकते। ऐसे में “फेंग सुई" से क्या लाभ? ऐसे लोग वास्तु शास्त्रियों को भारी फीस देने से भी कतराते हैं। पर वास्तविकता यह नहीं है। फेंग सुई के अनुसार आप भवन की आंतरिक संरचना, साज-सज्जा, फर्नीचर, मछली घर, चित्र एवं सजावटी सामानों को इधर-उधर कर के, उन्हें ठीक ढंग से स्थापित कर के, भूगर्भीय शक्तियों की अनुकूल रश्मियों को प्राप्त कर सकते हैं। बैंकॉक हांगकांग, ताइवान, सिंगापुर में कोई भी होटल, व्यापारिक संस्थान, या बहुमंजिली इमारत वास्तु शास्त्री की सलाह बिना नही बनते। मकान की कीमत का
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