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________________ पुरुषार्थ सिद्धि उपाय : आचार्य अमृत चंद्र स्वामी पुरुषार्थ देशना : परम पूज्य आचार्य श्री १०८ विशुद्ध सागरजी महाराज Page 274 of 583 ISBN # 81-7628-131- 3 v -2010:002 __ "अंधविश्वास खतरनाक" उपलब्धि-सुगति-साधनसमाधिसारस्य-भूयसोऽभ्यासात् स्वगुरोः शिष्येण शिरो न कर्तनीयं सुधर्ममभिलषिताsi अन्वयार्थ :सुधर्मम् अभिलषिता = सत्य धर्म के अभिलाषी शिष्येण = शिष्य के द्वारां भूयसः अभ्यासात् = अधिक अभ्यास सें उपलब्धिसुगतिसाधन समाधि सारस्य= ज्ञान और सुगति करने में कारण-भूत समाधि का सार प्राप्त करनेवालें स्वगुरोः =अपने गुरु कां शिरः = मस्तकं न कर्तनीय = नहीं काटा जाना चाहियें धनलवपिपासितानां विनेयविश्वासनाय दर्शयताम् झटिति घटचटकमोक्षं श्रद्धेयं नैव खारपटिकानाम्88 अन्वयार्थ :धनलवपिपासितानां =थोड़े से धन के प्यासें विनेयविश्वासनाय दर्शयताम् = शिष्यों को विश्वास उत्पन्न करने के लिये दिखलाने वाले खारपटिकानाम् =खरपटिकों के झटितिघटचटकमोक्षं = शीघ्र ही घड़े के फूटने से चिड़िया के मोक्ष के समान मोक्ष कों नैव श्रद्धेयं = श्रद्धान में नहीं लाना चाहिये मनीषियो! यह जीव अपने विचारों को अपने आप में सोचना प्रारंभ कर दे, तो सत्य निर्णय होगां पर जब हम दूसरों के उधार विचारों से विचार करते हैं तो कभी निज के सत्य का निर्णय नहीं होता, क्योकि पर के द्वारा दिखलाया गया मार्ग मार्गदर्शक तो हो सकता है, पर मार्ग का पथिक नहीं हो सकतां पथिक बनकर तो स्वयं ही चलना पड़ेगां और जिसने मार्गदर्शक को ही पथिक बना लिया तो, भो ज्ञानी! तुम गंतव्य (मार्ग) को प्राप्त नहीं कर सकोगें मनीषियो! लोक चिंतवन अनंत है, लेकिन ज्ञानी लोक चिंतवन में नहीं जीता हैं ज्ञानी हमेशा लोकोत्तर चिंतन में जीता है, क्योंकि लोक चिंतवन अपनी सीमा में हैं जिस देश में, जिस परिवेश में जो रहता है, उसका वैसा चिंतन होता हैं लेकिन मुमुक्षु देश/परिवेश से परे होकर सोचता है, इसीलिये उसका चिन्तन Visit us at http://www.vishuddhasagar.com Copy and All rights reserved by www.vishuddhasagar.com For more info please contact : akshayakumar_jain@yahoo.com or pkjainwater@yahoo.com
SR No.009999
Book TitlePurusharth Siddhi Upay
Original Sutra AuthorAmrutchandracharya
AuthorVishuddhsagar
PublisherVishuddhsagar
Publication Year
Total Pages584
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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