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आस्था की ओर बढ़ते कदम
स्तर पर उनकी अपनी पहचान थी ।
इस चेयर पर उनकी नियुक्ति हो गई। डा. भट्ट सपरिवार पटियाला में आ गए। अव चेयर के उद्घाटन का प्रोग्राम था। यह प्रोग्राम हमारी सहाल से तैयार किया गया। इस अवसर पर माननीय राज्यपाल श्री जय सुख लाल पधारे। बहुत ही महत्वपूर्ण प्रोग्राम इस चेयर के उद्घाटन का था। राज्यपाल ने प्रभु महावीर की प्रतिमा को मालार्पण किया। यह प्रतिमा आचार्य समुद्र विजय जी महाराज ने इस विभाग को भेंट की थी जो अब भी विभाग में है ।
दूसरा उपक्रम था इस संस्था के अंतरर्गत प्राकृत भाषा के प्राकण्ड पंडित आचार्य आत्मा राम जी महाराज की पुनः स्मृति में आचार्य श्री आत्मा राम जैन भाषण माला का आयोजन की स्थापना । इस भाषण माला की प्रेरणा प्रवर्तक श्री फूल चंद जी महाराज ने की थी । जिस के लिए धन श्री चन्दन वाला जैन श्राविका संघ ने अर्पित किया था। इस भाषण माला का उद्घाटन आचार्य आत्मा राम जी महाराज के चित्र को मालार्पण करके किया गया। आचार्य श्री के विदेशी शिष्य ने दिया । इस अवसर पर बहुत ग्रंथों के सैट महानुभावों को भेंट किए गए। इस अवसर पर जर्मन के एक विदेशी विद्वान व जर्मन के राजदूत एक महिला पधारी थी। उस दिन ३ समारोह हुए थे। दोपहर के बाद विद्वानों का समारोह हुआ। जिस में मैंने ५०००/- रूपए का चैक धर्म अध्ययन विभाग के अध्यक्ष को भेंट किया। सारी व्यवस्था डा० भट्ट ने स्वयं की थी। इस अवसर पर विदेशी प्रतिनिधियों का लैक्चर हुए। इस अवसर पर डा० रोथ विशेष रूप में पधारे। डा० रोथ आचार्य श्री आत्मा राम जी से प्रभावित थे। आप डा० हनंन जैकोवी की परम्परा से थे। समारोह वहुत रंगीन था । समस्त उत्तर भारत से लोग पधारे
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