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- વાયા on કોર વહતે હમ आपने जीवन की अंतिम संध्या में आप सिरियारी पधारे। सिरियारी के लोगों को जैन धर्म व प्रभु महावीर का उपदेश सरल भाषा में सुनाया। इसी स्थल पर आप का देवलोक हुआ। इस स्थान पर मुझे आप सबसे पहले आचार्य की समाधि के दर्शन करने का सौभाग्य मिला। आचार्य श्री का यह समाधि स्थल समस्त श्री श्वेताम्बर तेरापंथ जैन समाज के लिए इतिहासक तीर्थ है। यह स्थान प्रेरणादायक है। यहां आने वाले को देव, गुरू व धर्म के प्रति समर्पित होने की प्रेरणा मिलती है। तेरापंथी समाज का यह आरथा का केन्द्र ही नहीं तीर्थ स्थान है। यहां आते ही आचार्य श्री भिक्षु स्वामी जी महाराज सारा जीवन आंखों के सामने उमड आता है। यहां आकर हमें आचार्य भिक्षु का अनुशाषण व संयम का संदेश ध्यान में आता है। आचार्य श्री की विचारक कान्ति, आधुनिक तेरापंथ समाज को नया मार्ग प्रदान करती है। आचार्य भिक्षु ने सचमुच जैन धर्म को नया आयाम प्रदान किया है। इस समाधि में कांच के माध्यम से उनके जीवन की घटनाओं को संजीव किया गया है।
मैंने इन अध्ययनों में अपनी उन यात्राओं का वर्णन किया है जो मेरे सम्यक्त्व की यात्रा में सहायक वने। हर तीर्थ का अपना इतिहास है, परम्परा है, पर सारे तीर्थ हमें तीथंकरां के जीवन व संदेश की याद दिलाते हैं। हर तथं ने मुझे जैन धर्म व परम्परा के प्रति आरथा व श्रृद्धा को जन्म दिया। यह तीर्थ मेरे जीवन में कुछ करने की प्रेरणा देते पड़े हैं। मैंने अपनी इन यात्राओं से जैन संस्कृति के दर्शन किए हैं। यह सभी तीध्र अपने अपने आप इतिहास की कड़ीयां जोड़ने का कार्य करते हैं।
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