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-पारया की ओर बढ़ते कदम साथ सम्पन्न की, उसकी इच्छा की पूर्ति थी । उसकी मेरे प्रति श्रद्धा व आस्था का प्रतीक थी । वह संक्षिप्त यात्रा मेरे धार्मिक जीवन पर अमिट छाप छोड़ गई है ।
इस यात्रा में हरिद्वार का महत्व इसलिये है क्योंकि इस पूर्व मेरे धर्मभाता ने इस तीर्थ की यात्रा नहीं की थी । वाकी स्थलों पर तो वर्ष में एक-दो वार आना जाना रहता है । इस यात्रा में मैंने हस्तिनापुर के विकास देखने का अवसर मिला । अव प्राचीन काल की तरह गंगा हस्तिनापुर तीर्थ को स्पर्श करती, गाजियावाद, शाहदरा पहुंचती है । दिल्ली के अधिकांश हिस्सों को गंगा का जल सप्लाई किया जाता है । यह जल कृषि के क्षेत्र में भी उपयोग होता है ।
इस यात्रा के वाद काफी समय हम लम्बी यात्रा के लिये नहीं निकले दिल्ली में तो आना जाना बना रहता है । हर यात्रा जीवन में ज्ञान की वृद्धि का कारण होती है । इस दृष्टिकोण से हर यात्रा सम्पन्न की जाती है ।
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