SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 406
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ - = વાચા હી વોર લઇને તમે श्री श्वेताम्बर जैन निशियां श्वेताम्बर मन्दिर से दो कि.मी. दूरी पर एक प्राचीन स्तूप है, जहां भगवान ऋषभदेव ने पारणा किया था । पास ही उनकी चरण पादुका हैं । इन चरणों पर छत्री बनी हुई है । यहां भगवान ऋषभदेव से सम्बन्धित चित्र लगाये गये इन स्तूपों के पीछे प्रभु शांतिनाथ, प्रभु कुथुनाथ व श्री आदिनाथ के चरण हैं । एक छत्री में भगवान मल्लिनाथ के चरण हैं । अब यह स्थल बहुत विकसित हो चुका है । यह पक्की सड़क से जुड़ा है । यहां एक पारणा मन्दिर, एक तीर्थकरों का मन्दिर व एक गुरु मन्दिर बन चुके हैं । इस तीर्थ के पीछे गंगा नहर वह रही है । इस स्थल से प्रभु शांतिनाथ की धातु प्रतिमा भी निकली थी । यहां खड़ी दिगम्बर प्रतिमा कायोत्वर्ग भी इसी दिगम्बर मन्दिर में विराजित है । यहां भी कैलाश पर्वत का निर्माण हो रहा है, जो अपने आप में अनुपम होगा । दिगम्बर जैन संस्थाएं : श्री दिगम्बर जैन मन्दिर- यह मन्दिर २०० वर्ष पुरातन है । इसका निर्माण दिल्ली के सेट ने राजा की आज्ञा से उस स्थान पर बनाया था जो धरती से ५० फुट ऊंचा है । यहां मन्दिर में विशाल धर्मशालाओं का समूह है । यात्रियों के टहरने के लिये समुचित व्यवस्था मन्दिर की ओर से प्रदान की जाती है । यहां मूलनायक प्रभु शांतिनाथ हैं । साथ में धातु की विशाल प्राचीन प्रतिमा इसी मन्दिर में स्थापित है जो श्वेताम्बर निशियों से निकली थी । यहां प्रभु कुथुनाथ व प्रभु आदिनाथ की प्रतिमाएं हैं । सामने कीर्ति स्तम्भ है । इस मन्दिर के ___404
SR No.009994
Book TitleAstha ki aur Badhte Kadam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurushottam Jain, Ravindar Jain
Publisher26th Mahavir Janma Kalyanak Shatabdi Sanyojika Samiti
Publication Year
Total Pages501
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy