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- आस्था की ओर बढ़ते कदम हुआ । इसीलिये सत्य व हरीशचन्द्र पर्यायवाची शब्द हो गये
फिर यहां के घाट देखे, एक मन्दिर का नाम मानस मन्दिर है जहां सारी दीवारों पर रामायण लिखी गई है । दुर्गा मन्दिर भी प्रसिद्ध है । यहां रामभक्त हुनमान का विशाल मन्दिर है ।
फिर हम प्राचीन काशी विश्वनाथ के मन्दिर में पहुंचे, यह एक तंग गली में था । इस मन्दिर के ऊपर सोना लगा है, इस मन्दिर के एक भाग को गिरवा कर ही मुगल बादशाह
औरंगजेव ने मस्जिद निर्मित की है जिसे ज्ञानवापी मस्जिद कहा जाता है । दोनों स्थान पास पास होने से सुरक्षा का ध्यान सरकार की ओर से रखा जाता है । इस तरह रात्रि को जितने भी हिन्दू मन्दिर खुले थे, उनके दर्शन किये । यहां के हिन्दू मन्दिर काफी देर तक खुले रहते है । यहां साधु-सन्यासियों के झुण्ड घाटों पर देखे जा सकते हैं । यहां मांगने वालों की कमी नहीं । हिप्पी लहर के सन्यासी घाट पर देखे जा सकते हैं अब यहां उनकी गिनती कम हो चुकी है । यहां ठहरने के लिये होटल, धर्मशालाओं, लॉज, रेस्टोरेंटों की भरमार है । यहां का प्रमुख उद्योग पर्यटन हैं । गंगा तट पर किश्तीयां देखी जा सकती हैं । यह किश्तीयां एक घाट से दूसरे घाट पर पहुंचाने का महत्वपूर्ण व सस्ता साधन है । कई मन्दिरों तक तो विना किश्ती के पहुंचना असंभव है ।
संसार में यह शहर अनुपम आस्था व श्रद्धा का प्रतीक है । जहां भारत के प्रमुख तीन धमों में स्थल हैं जिसे प्राचीन काल से विद्या का केन्द्र बनने का सौभाग्य प्राप्त है । यहां अनेकों विद्यापीट हैं जहां संस्कृत पढ़ाने के मुख्य केन्द्र हैं । इसका प्रमाण यहां संस्कृत विश्वविद्यालय है । हिन्दू विश्वविद्यालय है जिसकी स्थापना प्रसिद्ध नेता राष्ट्रवादी मदन मोहन
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