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आस्था की ओर बढ़ते कदग यह गया के पहाड़ों तक जाती है । इस के गीलेपन को मैंने भी देखा । यह सम्पदा आज भी भारतीय इतिहास की अनेकों गाथाएं छुपाये हुए हैं । हम पहाड़ से नीचे उतरे । तीधा वीरायतन कवि जी महाराज के दर्शन किये । उन्होंने मेरे सन्मार्थ प्रोग्राम बना रखा था, जिसका समय ३ वजे दोपहर था, हमारे पास खुला समय था । हमने यहां भोजन किया । भोजन राजस्थानी था । तब श्री फिरोदीया जी इस संस्था की देखरेख करते थे । आचार्य चन्दना विदेश गई हुई थी । हमें जानकर प्रसन्नता हुई कि कवि जी महाराज का तारा साहित्य प्रकाशित होने लगा है । इस क्षेत्र की प्रगति वहुत महत्वपूर्ण है । ब्राह्मी कला मन्दिर :
___ यह कला व इतिहास की एक प्रदर्शनी है । विभिन्न दैनलों द्वारा भगवान ऋपभदेव से लेकर भगवान महावीर तक
का सारा जैन इतिहास प्लासटिक आफ पैरिस से जीवित किया गया है । सारे संसार में ऐसा कोई संग्रहालय नहीं । यह साध्वी चन्दना जी की अपनी देन है । अब तो इंग्लैंड, अम्रीका में ऐसे जैन म्यूजियम स्थापित हो चुके हैं । साधारण टिकट से यहां प्रवेश किया जा सकता है । इसमें नात्र तीर्थकर तक का वर्णन नहीं बल्कि भगवान महावीर के दाद हुए प्रभाविक आचायों की जीवन गाथा का वर्णन इस नन्दिर में देखने को मिलता है । यहां तक उपाध्याय श्री . अमरमुनि जी के जीवन से सम्बन्धित अनेकों पैनल यहां वने हैं । इसी परिसर में एक समोसरण की रचना की गई है । असल में वीरायतन जो प्राचीन वैभवगिरि पर्वत की तलहटी में स्थापित है । यह गुणशील चैत्य की भूमि है । इस चैत्य का विस्तार वड़ा था । गुणशील व राजगृह, श्रेणिक राजा इन
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