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Dथा की ओर बढ़ते कदम .....आखिर समारोह का दिन आ गया। इस समारोह · में आचार्य श्री नित्यानंद जी महाराज विशेष रूप से पधारे
थे। सारे उत्तर भारत से ७० साधु साध्वीयां पधारे थे। हजारें . की संख्या में श्रावक, श्राविकाएं समस्त भारत से पधारे थे। यह समारोह काशी राम जैन स्कूल के विशाल प्रांगण में . मनाया गया। इस में साध्वी श्री स्वर्णकांता जी महाराज को उनकी दीक्षा जयंती पर अभिनंदन पत्र भेंट किया गया। एक मंच पर विशिष्ट अतिथियों के लिए लगाया गया। अभिनंदन पत्र का वाचन डा० मदन लाल हसीजा निर्देशक भाषा विभाग पंजाव ने किया। इस अभिनंदन ग्रंथ का विमोचन हरियाणा असेंबली के स्पीकर श्री फकीर चंद अग्रवाल ने अपने कर कमलों से किया समरत सम्पादक मण्डल की और से हमारे द्वारा यह ग्रंथ साध्वी श्री को समर्पित किया गया।
. इसी दिन साध्वी श्री स्वर्णकांता जी महाराज द्वारा लिखित नंद मणिकार वाल चित्र कथा का विमोचन उनके संसारिक भतिजे श्री कीमत राम जैन देहली ने किया। ग्रंथ की प्रतियां विद्वानों व मेहमानों को दी गई। इस अवसर पर इंटरनैशनल पार्वती जैन अवार्ड डा० किरण जैन को भेंट किया गया। महाश्रमण नाम पुस्तक का विमोचन भी हुआ। साध्वी श्री ने अपने शिष्य परिवार के साथ पधारे मुनियों का सम्मान शाल भेंट करके किया।
. हमें विशिष्ट अतिथि रत्न पद से अलंकृत किया गया। यह ग्रंथ साध्वी श्री के क्रान्तिकारी जीवन के उल्लेख से भरा पड़ा है। वह जीवन भर महान तप अराधिका धर्म प्रसारिका, साहित्य प्रेरिका रहीं। स्वयं उन्होंने जैन धर्म के परम्परागत ग्रंथों का संकलन किया। इस अवसर पर सम्पादक मण्डल के जैन विद्वानों का सन्मान भी श्री. संघ ने किया। यह समारोह हमारे जीवन के महत्वपूर्ण समारोह
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