________________
- आस्था की ओर बढ़ते कदर .....१: राष्ट्रीय नेताओं के संदेश- २. सस्मरण ३. कविताएं ४. आस्थांजली..५. जीवन का विस्तार परिचय यह प्रथम खण्ड में आया। द्वितिय खण्ड में साध्वी परिवार के विस्तृत लेख व हमारे लेख थे। जो साध्वी जी के जीवन पर थे। तृतीय खण्ड जैन दर्शन, साहित्य, कला, मंत्र, तंत्र, पुरातत्व, तीर्थ स्थल, देव देवीयों सबंधी मान्यताओं पर आधारित शोध निबंधों का था। ५०० पृष्ट का यह विस्तृत ग्रंथ आगरा से दिवाकर प्रकाशन द्वारा श्री श्रीचन्द सुराणा की देख रेख में प्रकाशित हुआ। इस ग्रंथ की प्रेरिका साध्वी श्री राजकुमारी जी व साध्वी श्री सुधा जी महाराज थे। इस के प्रधान सम्पादक थे साध्वी डा० स्मृति जी महाराज, श्री रविन्द्र जैन व पुरूषोत्म जैन, धर्म सिंह थे। यह ग्रंथ सारा कम्पयूटर पर प्रकाशित हुआ। साध्वी जी के जीवन के संबंध में ढेर सारे चित्र प्रकाशित हुए। प्रवर्तनी साध्वी श्री पार्वती ज. महाराज से अब तक सभी साध्वीयों की परम्परा का उल्लेख दिया गया। हमारे तीन खण्डों में तीन लेख प्रकाशित हुए। एक वर्ष के कठोर श्रम के बाद यह ग्रंथ तैयार हो गया। ग्रंथ का वजन काफी था। इस ग्रंथ का विमोचन रंगारंग समारोह में हुआ। जिसकी तैयारीयां हम वर्षों से कर रहे थे। इस ग्रंथ में आचार्य श्री देवेन्द्र मुनि जी महाराज व उनसे संबंधित विद्वानों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। इस ग्रंथ में हमे अनेकों विद्वान आचायों, उपाध्याय, साधु, साध्वीयों, श्रावकों, श्राविकाओं के लेख प्राप्त हुए। यह साधु व श्रावक जैन धर्म के सभी सम्प्रदायों के थे। अनेकों बुद्धिजीवीयों ने इस ग्रंथ में अपने विचार लेखों के माध्यम से रखे। इनमें डा० तेज सिंह गोढ़ उज्जैन का सहयोग महत्वपूर्ण है। इस ग्रंथ के लेखों के लिए परिपत्र समस्त भारत में प्रेषित किया गया। जिसका प्रारूप श्री जितेन्द्र जैन वाडमेर ने तैयार किया था।
235