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जो पुरुप मन्त्र साधन के लिए देव से प्रार्थना करे कि मैं इस . आज्ञा प्रदान करो, और वि हमारे जैन मुनि भी जब क को कहते है कि इतने दिन त वास्ते गृहस्थियो को अवश्य जब मन्त्र साधन करने के वा. करो जहाँ मनुष्यो का गमनागम वरकूट, रेवा नदी के तट पर र स्थान मे है, या बगीचो के मा स्थान मे, ऐसे स्थानो मे मन्त्र प्रवेश करो, वहाँ ठहरो तो मन आदि है उसका योग्य विनय मु देव मै, अपने इस कार्य की सि रक्षा का आश्रय लिया है, इत रक्षा का प्राश्रय लिया है, इस अगर मेरे ऊपर किसी तरह का जब मन्त्र साधन करने जावे लाकर, रसोई बनाकर तुमकं दिया करे, जब तुम मन्त्र साध जो मन्त्र साधन करना हो पह हर दिन जप कर सवा लाख पूर जाप जितना कर सके १०८ ब बार जपने से कार्य सिद्ध हो और मन्त्र मे जिस शब्द के आ .