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लघुविद्यानुवाद
यन्त्र सुगधित द्रव्य से भोजपत्र पर निखे और यन्त्र की अष्ट द्रव्य से पूजा करे। काव्य मन्त्र यन्त्र का ___ नित्य ही स्मरण करे तो नया स्थान का लाभ हो और नाना प्रकार की सपदा का लाभ होता है । शत्रु तो सन्मुख भी इस यन्त्र के प्रभाव से नही आवे । मत्र जपने काॐ ह्रीं श्री धरणेंद्र पद्मावति बल पराक्रमाय नमः ।
यंत्र नं०६
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| विस्तीर्णैपद्मपीठेकमलदल निवासोचितेकाम गुप्ते ।
| ॐ ह्रीं श्रीं प मा व
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न - हंसारुडे त्रिनेत्रेभगवति नरदेरजमादेवि पो।।
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मनोवांछित दायक यंत्र स्तोत्र विधि नं. ३ .
श्लोक नं. ६ (8) इस नौ नम्बर श्लोक का पाठ करने से हसारूढ भवानी का दर्शन होता है, इस मत्र को
अष्टगध से हल्दी की कलम से ग्रहण की रात्रि मे लिखकर, मुकुट मे रखे तो मनोभिलाषा पूर्ण होती है।