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________________ ४८८ लघुविद्यानुवाद - वैष्णवी चामुडा, गांधारी लिखे । ॐकार पहिले मंत्र को लिखे। बाह्य में स्मळ हा हं हः प्रां क्लीं ब्ली द्रां द्रों पद्मावती श्रां श्री श्री श्रः हुं फट् स्त्री स्वाहा । विधि :-इस मन्त्र विद्या को एक हजार आठ प्रमाण हाथ के जप, नित्य दस दिन तक करने से सव सिद्धि होती है। दूसरे प्रमाण से इस यन्त्र की विधि को कहते है जो पद्मावती उपासना ग्रन्थ मे लिखा है । केसर गोरोचन से भोजपत्र के ऊपर लिखकर अथवा सोना चादी ताम्र के पतरे के ऊपर लिखकर प्रति कराके पूजन मे नित्य ही रखे, प्रतिदिन यत्र की पूजा करने से, यत्र में साक्षात पद्मावती देवी विराजमान है ऐसी भावना करता हुआ सुगन्धित पुष्पो से और उत्तम द्रव्यो से पूजा करने से प्रतिदिन नीचे मुजब मन्त्र का १०८ बार जाप्य करने से सम्पूर्ण कार्यों की सिद्धि होगी। मन्त्र :-ॐ स्व्यं हा हं हां प्रां क्रों ह्रीं क्ली ब्ली द्रां द्री पद्मावती श्रां श्रीं | श्रौं श्रः फट् घी स्वाहा । जब भी जरूरत पडे तब चाहे जैसा कठिन कार्य हो सरलतापर्दक सिद्ध करने के लिये, यत्र का पूजन और १००८ कर जाप्य दस दिन तक मत्र का करने से, यथा शक्य मानसिक 1-जाप्य मन मे करते रहने से सम्पूर्ण कार्यों की सिद्धि होती है । काव्य नं० ८ वृहत यन्त्र रचना: दशदलकमल कृत्वा तन्मध्ये प्रव्य स्थाप्य कमलेषु ॐ ह्री पद्मे श्रा श्री श्र, श्रः नमः एतत् मत्र लिखेत् तदुपरी चतुर्दश द्रो कारेन वेष्टयेत तदुपरि काव्य लिखेत् तत्पश्चात् अष्ट द्रव्येन पूजन कृत्वा, काव्य, मत्र, यत्र, पार्श्व रक्षणात् अस्य प्रभावेन सर्व लोके पूजनीक भवति, धनधानयसस्य वृद्धिर्भवति, देव समसुखी भवति । फल :-अष्टम काव्यस्य म्व्यं बीज दशाक्षरै मत्र, ॐ ह्री पद्मे श्री श्रा श्रू श्र नम' अनेन मत्रेण अष्टत्तरी शत् १०८ दिने कमल पुष्प मध्ये बीजाक्षर मत्राक्षर सयुक्त लिखेत् कर्पूर कस्तुरिकाया, प्रात समये भक्षण कृत्वा, तस्य पुरुषस्य आयुचिर भवति, लक्ष्मी लाभ भवति निश्चयेन.। इस मत्र यन्त्र काव्य को सुगधि द्रव्य से लिखकर फिर अष्ट द्रव्य से यन्त्र की पूजा कर, पास मे रखे, यन्त्र को ताबा अथवा चादी-सोना व भोजपत्र पर लिखकर पास मे रखे,
SR No.009991
Book TitleLaghu Vidhyanuvad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKunthusagar Maharaj, Vijaymati Aryika
PublisherShantikumar Gangwal
Publication Year
Total Pages774
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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