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लघुविद्यानुवाद
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मन्त्र :- ॐ सं स्वीं ( इवीं) क्ष्वों हंसः पक्षिपः प्लवय २ प्लावय २ विषहर हर
स्वाहा ।
विधि :-- इस यत्र की आराधना करते हुये मत्र को सिद्ध करना, फिर रोगी को कान मे फूक मारने से जहर उतर जाता है |
श्लोक न. ७ विधि नं १ यन्त्र नं १
दुवीं क्ष्वीं हंसः इ
सःइनक्वींस
इस पदवी डका प्रमादान
दुर्वीक्ष्वीं हंसः इवानी
ផ្ទះ
जब दुः
(पिसि देवदत्त क्षिप
राजन सर 56 गतयर घन फलस्थ
Nepales
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सर्व शांतिकर यत्र
वीएवी ते सः हवी हवी
हिमालहरु