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(२१) य कार मे देवदत्त लिखकर ऊपर षटकोण बनावे, उस षटकोण के करिका मे य २ लिखे, ऊपर एक वलय बनावे | उस वलय मे ॐ कार लिखे फिर बाहर चार य' कार से वेष्टित कराये । यह हुई यन्त्र रचना । यन्त्र न. २१ देखे ।
विधि - इस यन्त्र को विष कनक फल के रस से ( जहरी कुचला और धतुरे का रस से ) ध्वजा के कपडे पर लिख कर श्मशान मे गाड़ देवे, तो शत्रु का उच्चाटन होता है ।
श्लोक नं० २ विधि नं० १ यन्त्र नं० २१
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लघुविद्यानुवाद
ॐ
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ॐ
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उच्चाटनकर यन्त्र
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